भोपाल। मेंडोरा के जंगल में बनाए गए गिद्ध प्रजनन केंद्र में गिद्धों की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। साथ ही गिद्धों के पैरों में एक रिंग पहनाई जाएगी, ताकि गिद्धों की पहचान आसानी से की जा सके। रिंक के जरिए ही वैज्ञानिक सैटेलाइट के माध्यम से हर मूवमेंट पर नजर रखेंगे। इसके लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के वैज्ञानिक ने तैयारी कर ली है। सेंटर में लाए गए 21 गिद्धों के पैरों में रिंग पहनाई जाना है। इनमें से दो प्रजाति व्हाइट डक सेफ और लांग बिल्ड गिद्धों की प्रजाति शामिल है। गौरतलब है कि बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के सहयोग से केरवा डेम के पास स्थित मेंडोरा में एक गिद्ध संरक्षण प्रजनन केंद्र स्थापित किया गया है, जिसमें गिद्धों के जोड़ों को रखा जाएगा। इसके लिए केंद्र, राज्य सरकार ने अनुमति प्रदान कर दी है। साथ ही प्रजनन केंद्र के लिए वन विभाग ने 39 लाख बजट भी बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी को आवंटित कर दिया है। गिद्धों के जोड़ों की मॉनीटरिंग का काम बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी के वैज्ञानिकों द्वारा किया जाएगा। देश में गिद्धों के संरक्षण के लिए हरियाणा के पिंजोर में वर्तमान में करीब 127 गिद्ध हैं।
प्रदेश में पहला केंद्र होगा
वन विहार नेशनल पार्क के डायरेक्टर बीपीएस परिहार बताया कि मेंडोरा में संरक्षण के लिए खोले जाने वाला केंद्र प्रदेश का पहला ऐसा केंद्र होगा, जिसमें गिद्धों को रखा जाएगा और यहां पर उनके ऊपर अध्ययन किया जाएगा।
जनसंख्या में गिरावट
भारतीय उपमहाद्वीप में गिद्ध विलुप्त होने के कगार पर हैं। भारत के तीन अतिसामान्य गिप्सा गिद्धों की आबादी में पिछले एक दशक के दौरान 99.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। सभी तीन प्रभावित प्रजातियां भारतीय सफेद पीठ वाले गिद्ध, लंबे चोच वाले गिद्ध और पतले चोंच वाले गिद्ध एक समय भारत में अति सामान्य थे, लेकिन अब वे वर्डलाइफ इंटरनेशनल यूके द्वारा गंभीर खतरे के रूप में सूचीबद्ध हैं।
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